नहीं रहे उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद, इंद्रेश में ली अंतिम सांस

उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का पांच दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद निधन हो गया। अस्पताल प्रशासन ने दोपहर बाद उनके निधन की आधिकारिक घोषणा की, जिसके बाद कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती घनानंद के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित विभिन्न सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया।
पांच दिन पहले गंभीर हालत में घनानंद को श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे बीते पांच दिनों से वेंटिलेटर पर थे और डॉक्टरों की क्रिटिकल केयर यूनिट उनकी लगातार निगरानी कर रही थी।
“आवाज सुनो पहाड़ों की” कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक बलबीर सिंह पंवार और संयोजक नरेंद्र रौथाण ने बताया कि घन्ना भाई को पहले ही पेसमेकर लगाया गया था। इसके बाद से वे नियमित रूप से अस्पताल में हृदय संबंधी जांच करवाते थे।
कुछ दिन पहले उन्हें पेशाब में खून आने की समस्या हुई, जिसके चलते वे सामान्य जांच के लिए अस्पताल पहुंचे। वहां रक्त चढ़ाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। हालत गंभीर होने पर चार दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। नरेंद्र रौथाण ने बताया कि दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेंद्र दास ने उनके इलाज पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए थे।
घन्ना भाई ने कई गढ़वाली फिल्मों और म्यूजिक एलबम में काम किया था। ‘घर जावैं’ फिल्म से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी।
उन्होंने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई थी। 2012 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर पौड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि वे चुनाव हार गए थे। 2022 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी की थी।